Thursday 26 May, 2011

सिक्कों की किस्मत

साप्ताहिक पत्रिका ‘शुक्रवार’ में मेरी तीन कविताएं प्रकाशित हुई हैं। आज से ब्लॉग का सिलसिला फिर शुरू करते हैं।

सिक्के तल में पड़े रह जाते हैं
नदियां समंदर तक पहुंच जाती हैं

आस्था नदियों में है कि जल में
मालूम नहीं
पर श्रद्धा में अर्पित किए गए सिक्के
नदी के तल में हैं


आस्था का मूल्य
अगर एक सिक्का है
तो तल में जाने के बाद
आस्था खो देती है अपनी मूल्यवत्ता

निष्प्राण पत्थर
जल प्रवाह में किसी किनारे पहुंचकर
बन जाते हैं
आस्था के शालिग्राम
और सिक्के नदी तल में पड़े रह जाते हैं।