tag:blogger.com,1999:blog-5509325613178565471.post1322233388763753497..comments2023-11-27T13:53:16.960+05:30Comments on प्रेम का दरिया: गाभाचोर-भरत ओला की कहानीAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/13562041392056023275noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-5509325613178565471.post-5018114752070689842009-06-22T13:32:53.134+05:302009-06-22T13:32:53.134+05:30दुनिया अजीब-ओ-गरीब तरह के लोगों से भरी पड़ी है..उनम...दुनिया अजीब-ओ-गरीब तरह के लोगों से भरी पड़ी है..उनमे सभी चोर है..पर कभी चोरी सामान की होती है, तो कभी भावनायों की ....मन की थाह पाना बहुत मुश्किल काम हैsomadrihttps://www.blogger.com/profile/16213618928809931364noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5509325613178565471.post-23059794637523349952009-06-15T22:35:11.786+05:302009-06-15T22:35:11.786+05:30क्या इस कहानी के माध्यम से हम पुनः यह चर्चा शुरु क...क्या इस कहानी के माध्यम से हम पुनः यह चर्चा शुरु कर सकते हैं कि नैसर्गिक कमजोरियों पर विजय प्राप्त करना ही पशुता से मनुष्यता को प्राप्त करना है, जिसे हमारे सुधी चिंतकों ने अनेक प्रकार से समझाया है। फिर वही मार्ग की बात आती है, इसके लिये अपने-आप को किस मार्ग व्यस्त किया जाये? इस कहानी में चोर की नैसर्गिक वासना तो समीक्ष्य हुई है लेकिन उन स्त्रियों का क्षोभ केन्द्र से दूर रह गया है जिनके कपडे चोरी हुए हैं।प्रीतीश बारहठhttps://www.blogger.com/profile/02962507623195455994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5509325613178565471.post-60370300242682017352009-06-15T11:53:02.363+05:302009-06-15T11:53:02.363+05:30आपका यह वृत्तांत पढ़कर मुझे बीते ज़माने के एक कहानीक...आपका यह वृत्तांत पढ़कर मुझे बीते ज़माने के एक कहानीकार की याद आ गई. पहाड़ी नाम था उनका.डॉ दुर्गाप्रसाद अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/04367258649357240171noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5509325613178565471.post-84829981752197302252009-06-14T18:54:29.181+05:302009-06-14T18:54:29.181+05:30बहुत अच्छी कहानी...बहुत अच्छी कहानी...sandeep sharmahttps://www.blogger.com/profile/00396307376371645302noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5509325613178565471.post-55353105109979575702009-06-14T15:54:42.382+05:302009-06-14T15:54:42.382+05:30कहानी तो अद्भुत है । चोर के मनोभाव विचित्र थे, और ...कहानी तो अद्भुत है । चोर के मनोभाव विचित्र थे, और उसकी यह हरकत मनोवैज्ञानिक विश्लेषण के दायरे में आती है । आभार ।Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5509325613178565471.post-45361286457547606532009-06-14T10:16:09.632+05:302009-06-14T10:16:09.632+05:30अच्छा लिखते हैं आप,सहज सरल एवम् रोचक
मेरे ब्लॉगस
...अच्छा लिखते हैं आप,सहज सरल एवम् रोचक<br />मेरे ब्लॉगस<br />http//:gazalkbahane.blogspot.com/ पर एक-दो गज़ल वज्न सहित हर सप्ताह या<br />http//:katha-kavita.blogspot.com/ पर कविता ,कथा, लघु-कथा,वैचारिक लेख पढेंgazalkbahanehttps://www.blogger.com/profile/13644251020362839761noreply@blogger.com