दोस्तो,
पिछले बरस हम लोग पाकिस्तान गए थे। उस वक्त खानपुर में एक जलसे में यह गुजारिश की गयी थी कि भारत आई.टी की दुनिया में सरताज है, लेकिन अभी तक कोई ऐसा प्रोग्राम नहीं बनाया गया है जिससे हिन्दी-उर्दू में लिखा हुआ दोनों ज़ुबानों के लोग पढ़ सकें। टू दोस्तों इंतज़ार की घडियाँ ख़त्म हुईं। अब उर्दू समझाने वाले दोस्त आसानी से हिन्दी यूनिकोड फॉण्ट की सामग्री उर्दू में पढ़ सकते हैं। आप बस ह्त्त्प://मलेर्कोतला.ओआरजी/त्रन्श२उ/अस्प्क्स लिंक पर जाएं और हिन्दी से उर्दू में ट्रांस्लितेरतेकर अपनी जुबान में पढ़ें। फिलहाल यह सुविधा उर्दू वालों के लिए ही है। उम्मीद है जल्द ही हिन्दी वालों को भी उर्दू साहित्य हिन्दी में पढ़ने को मिल जायेगा। इस काम के लिए अब्दुर रशीद नंदन को तहे दिल से शुक्रिया जरूर कहिये।
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