चुनावों का भी अपना मजा है, किसी को छेड़ के देख लीजिये, भाजपाई हो या कांग्रेसी या कोई भी. ज़रा उनके प्रतिकूल बोल के देखें आपके कपड़े फाड़ देंगे आजकल. एक दिन हमने शर्माजी से मजे लेने के लिए चर्चा छेड़ दी कि इस बार तो प्रदेश में रानी-राज का खत्म हो गया. वो पहले संभले फ़िर बोले आप लोग अच्छे लोगों को राज नही करने देना चाहते. एक मनमौजी ने कहा, शर्मा जी हम आपको सत्ता सौंप देंगे लेकिन इनको नही.शर्मा जी बोले मेरे में और उन में क्या फर्क है?दिलजले ने कहा, शर्मा जी हम आपकी इज्ज़त करते हैं लेकिन अगर आप ग़लत करो तो उतार भी सकते हैं. लेकिन जिनकी नही करते उनको क्यों और कब तक सहन करें? शर्मा जी समझ गए यह छोकरा तो पूरी तरह से 'राज बदल कर दम लेगा'।
और सुच बात तो यह है दोस्तों कि पूरे प्रदेश में सामंतशाही के ख़िलाफ़ एक ज़बरदस्त माहौल है जिसे समझ पाना चुनावी पंडितों के बस की बात नही है। जो भी हो असली फ़ैसला तो 8 दिसम्बर को ही होगा। और उस दिन शायद राजपूताने में मराठा-राज का खात्मा हो जायेगा.
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