Friday, 26 December 2008

राजस्थान में शराब बिक्री पर रोक...

अशोक गहलोत कुछ कठोर फैसलों के लिए शुरू से ही जाने जाते हैं. दूसरी दफा मुख्यमंत्री बनते ही उन्होंने सबसे पहले 8 पी।एम. नो सी.एम. की परिपाटी को बंद किया. अशोक जी के सारे फैसले लगभग रात में होते हैं. इस बार भी यही हुआ. एक अखबार ने पहले तो अपने पत्रकार कर्मचारियों की विश्व-व्यापी मंदी के चलते छंटनी की और एक अभियान चला दिया॥नशीले गठजोड़ के विरुद्ध... अशोक जी गांधीवादी हैं.. तुंरत हरकत में आए और ऐलान कर दिया राज्य में रात आठ बजे बाद शराब नही बिकेगी... अखबार वालों की चापलूसी की दाद देनी चाहिए... जब वसुंधरा राजे थी तो यह उसके कसीदे गाते थे..अब अशोक जी के गा रहे हैं...और ख़ुद अपनी ही पीठ थोक रहे हैं..अजीब दास्तान है यह..
पूरे शहर में अतिक्रमण को लेकर ख़बर बेचने वाला सबसे बड़ा अखबार अपने ही दफ्तर के सामने पार्किंग के नाम पर अतिक्रमण करता है...मजा तो तब आए जब यह अतिक्रमण ध्वस्त हो...अशोक जी शायद इस पर थोडी तवज्जोह देंगे...कि अपनी विशेष हैसियत के कारण कोई खामख्वाह सरकारी ज़मीन पर बेवजह अतिक्रमण ना करे।
अजीब बात है कि जनता के सवालों पे लड़ने वाले ख़ुद पे सवाल खड़े होने से बौखला जाते हैं॥
इस बार भी येही होगा...खाकसार से जुड़ी खबरें प्रतिबंधित कर दी जायेंगी... कुछ दरबारी पत्रकार इस पर मशविरा देंगे...और अपने ही साथी पत्रकार को दरवाजा दिखाने का मातम मनाएंगे.. कुछ बेहद खुश भी होंगे कि हे अल्लाह, हे इश्वर मेरा पत्ता नहीं कटा॥
हम जानते हैं कि मंदी कि मार बड़े अखबारों पर नहीं पड़ती॥ लेकिन मालिक को तो जो गुर्गे बता दें , सिखा दें वही सब कुछ है...


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